शहीद वीर नारायण सिंह संग्रहालय में बन रही ब्रिटिश कालीन जनजाति विद्रोह की झांकी
रायपुर। छत्तीसगढ़ के आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की ऐतिहासिक योगदान की थीम पर नवा रायपुर अटल नगर में तैयार हो रहे शहीद वीरनारायण सिंह संग्रहालय का तेजी से निर्माण किया जा रहा है। संग्रहालय में 15 गैलरी तैयार किए जा रहे हैं। यहां ब्रिटिश हुकूमत के दौरान हुए जनजाति विद्रोहों की झांकी तैयार की जा रही है।
शहीद वीर नारायण सिंह आदिवासी (स्वतंत्रता संग्राम सेनानी) संग्रहालय पुरखौती मुक्तांगन के समीप 45 करोड़ की लागत से लगभग 10 एकड़ भूमि पर स्थापित किया जा रहा है। यह संग्रहालय न केवल छत्तीसगढ़ के आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के स्वतंत्रता काल में दिए गए सर्वोच्च बलिदान को याद दिलाएगा, बल्कि छत्तीसगढ़ की गौरवशाली आदिवासी परंपरा से भी आमजन को रूबरू करवाएगा। यह संग्रहालय सभी वर्ग के लोगों के लिए एक आकर्षण का केन्द्र के रूप में बनकर उभरेगा।
प्रमुख सचिव बोरा ने कहा कि भगवान बिरसा मुण्डा की जन्मदिवस के अवसर पर माह नवंबर में शहीद वीर नारायण सिंह संग्रहालय का लोकार्पण किया जाना प्रस्तावित है। अतः कार्य में गुणवत्ता के साथ तेजी लाई जाए। उन्होंने अधिकारियों, इंजीनियर्स, क्यूरेटर एवं निर्माण एजेंसी के अधिकारियों से अब तक के कार्य की प्रगति की जानकारी ली और निर्माण एजेंसी के अधिकारियों से कार्य को निर्धारित समय-सीमा में पूरा करने के लिए मैन पावर बढ़ाने के निर्देश भी दिए।
अधिकारियों ने बताया गया कि संग्रहालय में लगने वाली मूर्तियों का निर्माण तेजी से चल रहा है, निर्धारित समयावधि में मूर्ति निर्माण का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। मूर्तियों की फिनिशिंग का कार्य भी समानांतर रूप से किया जा रहा है। इस अवसर पर आदिवासी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के संचालक पी.एस. एल्मा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
प्रथम गैलरी में छत्तीसगढ़ की जनजातीय जीवन शैली को दर्शाया जाएगा, वहीं दूसरी गैलरी में राज्य की जनजातियों पर अंग्रेजों और स्थानीय हुकूमत के अत्याचार, तीसरी गैलरी में हल्बा विद्रोह, चौथी गैलरी में सरगुजा विद्रोह, पांचवी गैलरी में भोपालपट्टनम विद्रोह, छठवीं गैलरी में परलकोट विद्रोह, सातवीं गैलरी में तारापुर विद्रोह, आठवीं गैलरी में लिंगागिरी विद्रोह, नौवीं गैलरी में कोई विद्रोह, के दृश्य होंगे।
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