अयोध्या ध्वजारोहण: पीएम मोदी ने रामलला के दरबार में लगाई हाजिरी

प्रयागराज। अयोध्या में मंगलवार को एक और अध्याय दर्ज हो गया, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में ध्वजारोहण से पहले रामलला के दरबार पहुंचे। इस दौरान उन्होंने वहां पर पूजा अर्चना की और आरती उतारी। उनके साथ संघ प्रमुख मोहन भागवत भी मौजूद रहें। 

पीएम मोदी ने दिन की शुरुआत सप्तऋषियों की पूजा-अर्चना से की

श्रीराम जन्मभूमि मंदिर ध्वजारोहण समारोह से पहले पीएम ने प्राचीन भारतीय परंपरा और सनातन संस्कृति के प्रतीकों में गहन श्रद्धाभाव व्यक्त करते हुए दिन की शुरुआत सप्तऋषियों की पूजा-अर्चना से की। महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, महर्षि वाल्मीकि, देवी अहिल्या, निषादराज गुहा और माता शबरी के मंदिरों में पहुंचकर प्रधानमंत्री ने शीश झुकाया और राष्ट्रकल्याण की कामना की। 

इसके बाद पीएम मोदी रामदरबार पहुंचकर विधिवत आरती की

इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रामदरबार पहुंचे, जहां उन्होंने विधिवत आरती उतारी। पूरे परिसर में जय श्रीराम के जयघोषों और मंत्रोच्चार ने ऐसा वातावरण रचा, जिसने भक्तिमय आलोक का विस्तार कर दिया। इस दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत भी मौजूद रहे। 

इसके उपरांत पीएम माता अन्नपूर्णा मंदिर पहुंचकर अन्नपूर्णा और लोककल्याण की कामना की

प्रधानमंत्री मोदी इसके उपरांत उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ माता अन्नपूर्णा मंदिर पहुंचे। यहां उन्होंने ध्वजारोहण से पहले विशेष पूजा-अर्चना कर समृद्धि, अन्नपूर्णा और लोककल्याण की कामना की। 

इसके बाद पीएम मोदी शेषावतार मंदिर पहुंचे

अन्नपूर्णा मंदिर में सम्पन्न इस अनुष्ठान को ऐतिहासिक ध्वजारोहण से पहले की आध्यात्मिक भूमिका के रूप में देखा जा रहा है। इसके बाद वे शेषावतार मंदिर भी पहुंचे, जहां उन्होंने परंपरागत विधियों के अनुसार पूजा की। शेषावतार मंदिर में उनकी उपस्थिति ने कार्यक्रम को और भी अधिक पवित्रता और आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत कर दिया। 

अयोध्या नगरी दिखी पूरी तरह उत्सवमय

रीराम जन्मभूमि मंदिर में होने वाले ध्वजारोहण समारोह को लेकर अयोध्या नगरी पूरी तरह उत्सवमय दिखी। सड़कें, मार्ग, घाट और मंदिर—हर ओर भव्य सजावट, फूल मालाएं और झंडों का समंदर दिखाई दे रहा था। ध्वजारोहण से पहले हुए इन अनुष्ठानों ने न सिर्फ प्रधानमंत्री की व्यक्तिगत आस्था को अभिव्यक्त किया, बल्कि रामनगरी को सनातन परंपराओं की अमर ज्योति से और भी तेजस्वी बना दिया।


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