फेडरेशन ने सरकार को चेताया मांगें पूरी न होने पर 30 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल
रायपुर। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले 11 सूत्रीय आंदोलन का आज से आगाज हो गया है। आंदोलन का असर ऐसा कि इंद्रावती भवन से लेकर छत्तीसगढ़ के तमाम सरकारी दफ्तरों में कामकाज पूरी तरह ठप पड़ गया है। अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के कामबंद कलम बंद हड़ताल का पहले दिन और शुरुआती अवसर पर ही व्यापक असर दिखाई दे रहा है। स्थानीय निकायों के अलावा यूनिवर्सिटी में भी सन्नाटा पसरा हुआ है।
बता दें कि गुरुवार को छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के अध्यक्ष कमल वर्मा ने वीडियो जारी कर आज से शुरू होने वाले बेमुद्दत आंदोलन के बारे में जानकारी देते हुए कर्मचारियों से आंदोलन में शामिल होने की अपील की थी। कर्मचारी संगठन के पदाधिकारियों का दावा है कि रायपुर में आज से शुरू हुए आंदोलन में प्रदेशभर के कर्मचारियों की एकजुटता दिखाई दे रही है। कमल वर्मा ने बताया कि फेडरेशन के आह्वान पर 22 अगस्त से काम बंद, कलम बंद आंदोलन की शुरूआत हो रही है। हड़ताल का सरकार की तरफ से रिस्पांस ना मिलने की स्थिति में फेडरेशन 30 अक्टूबर 2025 से अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा को लेकर भी अपने विकल्प खुले रखा है।
इंद्रावती भवन में फिर तालाबंदी की नौबत
आज से शुरू हुए बेमुद्दत हड़ताल के मद्देनजर इंद्रावती भवन में एक बार फिर तालाबंदी की नौबत बन गई है।
कांग्रेस शासनकाल के दौरान फेडरेशन के बैनर तले बेमुद्दत हड़ताल के दौरान 17 दिनों तक कामकाज प्रभावित हुआ था। एक बार फिर दफ्तरों में कामकाज ठप होने की नौबत बनते दिखाई दे रही है।
धरना स्थल पर जमकर हो रही नारेबाजी-
धरना स्थल पर बड़ी संख्या में कर्मचारियों की मौजूदगी नजर आ रही है। पदाधिकारियों की मौजूदगी में कर्मचारी अपनी मांगों के संबंध में जमकर नारेबाजी कर रहे हैं।
ये है फेडरेशन की प्रमुख मांगें
केंद्र सरकार के समान कर्मचारियों एवं पेंशनरों को देय तिथि से महंगाई भत्ता (DA) लागू किया जाए।
DA एरियर्स की राशि कर्मचारियों के GPF खाते में समायोजित की जाए।
सभी कर्मचारियों को चार स्तरीय समयमान वेतनमान दिया जाए।
लिपिकों, शिक्षकों, स्वास्थ्य विभाग, महिला बाल विकास विभाग सहित विभिन्न संवर्गों की वेतन विसंगतियों को दूर करने पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक किया जाए।
प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना करते हुए संपूर्ण सेवा लाभ दिया जाए।पंचायत सचिवों का शासकीयकरण किया जाए।
सहायक शिक्षकों एवं सहायक पशु चिकित्सा अधिकारियों को तृतीय समयमान वेतनमान दिया जाए। नगरीय निकाय के कर्मचारियों को नियमित मासिक वेतन एवं समयबद्ध पदोन्नति दिया जाए।
अनुकंपा नियुक्ति नियमों में 10 प्रतिशत सीलिंग में शिथिलीकरण की जाए।
प्रदेश में कैशलेश सुविधा लागू की जाए।
अर्जित अवकाश नगदीकरण 300 दिवस की जाए।
दैनिक,अनियमित,संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की ठोस नीति बने।
सभी विभागों में समानता लाते हुए सेवानिवृत्त आयु 65 वर्ष की जावे।
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