2002 के बाद से कोई सांप्रदायिक हिंसा नहीं हुई, गुजरात दंगे पर खुलकर पीएम मोदी ने की बात
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लेक्स फ्रिडमैन के साथ पॉडकास्ट में गुजरात दंगों पर बात की. उन्होंने कहा कि यह धारणा बनाने का ठोस प्रयास किया गया कि 2002 के दंगे गुजरात में अब तक के सबसे बड़े दंगे थे, जबकि यह वास्तविकता से कोसों दूर थी. पीएम मोदी ने बताया कि गुजरात में हिंसा का एक लंबा इतिहास रहा है, “मेरे आने से बहुत पहले” ऐसा कई बार देखने को मिला था. उन्होंने बताया कि कैसे राज्य में लगभग हर साल दंगे होते थे, लेकिन उन्होंने कहा कि 2002 के बाद से कोई सांप्रदायिक हिंसा नहीं हुई है.
प्रधानमंत्री ने कहा, “यदि आप 2002 से पहले के आंकड़ों की समीक्षा करेंगे तो आप देखेंगे कि गुजरात में लगातार दंगे होते रहे. कहीं न कहीं लगातार कर्फ्यू लगाया जाता रहा. पतंगबाजी प्रतियोगिता…यहां तक कि साइकिल की टक्कर जैसे मामूली मुद्दों पर सांप्रदायिक हिंसा भड़क जाती थी.” उस वक्त गुजरात के मुख्यमंत्री रहे प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि केंद्र में उनके राजनीतिक विरोधियों ने उन्हें सजा दिलाने के लिए एक झूठी कहानी गढ़ने की कोशिश की. अदालतों ने एक से अधिक बार उन्हें निर्दोष करार दिया. पीएम मोदी ने कहा, “उस समय हमारे राजनीतिक विरोधी सत्ता में थे और स्वाभाविक रूप से वे चाहते थे कि हमारे खिलाफ सभी आरोप सही साबित हों. वे हमें दंडित होते देखना चाहते थे. उनके अथक प्रयासों के बावजूद न्यायपालिका ने दो बार स्थिति का बारीकी से विश्लेषण किया और अंततः हमें पूरी तरह से निर्दोष पाया.”
गोधरा ट्रेन अग्निकांड के कारण 2002 में दंगे हुए. उस वक्त को याद करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने इसे एक “अत्यंत अस्थिर” समय बताया. यह भारत और दुनिया भर में अन्य बड़े आतंकवादी हमलों की पृष्ठभूमि में घटित हुई. उन्होंने कहा, इसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी, लोगों को जिंदा जला दिया गया. इतने सारे लोगों को मार दिया जाना और जिंदा जला दिया जाना… आप कल्पना कर सकते हैं कि स्थिति कितनी तनावपूर्ण और अस्थिर रही होगी. उन्होंने कहा कि यह हिंसा गुजरात विधानसभा के लिए उनके निर्वाचित होने के तीन दिन बाद हुई.
न्यूयॉर्क में ट्विन टावर्स, संसद और 2001 में जम्मू-कश्मीर विधानसभा पर हुए हमलों को पीएम मोदी ने याद किया. उन्होंने कहा कितनावपूर्ण माहौल में, छोटी सी चिंगारी भी अशांति भड़का सकती है.”
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