दुनिया में कितनी तेजी से फैल रहा है मंकीपॉक्स, टीकाकरण है कितना कारगर उपाय
नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को देश में मंकीपॉक्स का पहला मामला पाए जाने की पुष्टि की.अफ्रीकी देश की यात्रा कर लौटे इस व्यक्ति में मंकीपॉक्स के लक्षण नजर आए थे. उन्हें आठ सितंबर से ही आइसोलेशन में रखा गया था.उनके सैंपल की जांच में मंकीपॉक्स के स्ट्रेन वेस्ट अफ्रीकन क्लेड 2 की पुष्टि हुई है.यह स्ट्रेन विश्व स्वास्थ्य संगठन की ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी में शामिल स्ट्रेन क्लेड1 में नहीं है.विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, मंकीपॉक्स के अधिकतर मामले 18-44 साल के युवा पुरुषों में मिले हैं.सबसे ज्यादा मामले सेक्सुअल कॉन्टेक्ट से हुए संक्रमण के हैं.इसके बाद जिसके बाद पर्सन-टू-पर्सन नॉन सेक्सुअल कॉन्टेक्ट के मामले हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने नवंबर 2022 में इसे एमपॉक्स नाम दिया था. अब इसे इस नाम से भी जाना जाता है.
मंकीपॉक्स का हॉटस्पॉट किस देश में है
इस समय डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (डीआरसी) मंकीपॉक्स का हॉटस्पॉट बना हुआ है.यहीं से यह संक्रमण दूसरे देशों में फैला है. एक जनवरी 2022 से 31 जुलाई 2024 तक दुनियाभर के 121 देशों में मंकीपॉक्स के मामले पाए गए हैं. इस दौरान कुल एक लाख तीन हजार 48 लोगों में मंकीपॉक्स के संक्रमण की पुष्टि हुई है. इस दौरान मंकीपॉक्स के संक्रमण से 229 लोगों की मौत हुई है. 31 जुलाई तक इसके 186 संभावित मामले भी मिले थे.
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