भारतीय पर्यटकों के लिए तरस रहा मालदीव, 50000 से ज्यादा घटी संख्या

 


माले। चीन के गुलाम मोहम्मद मुइज्जू के सत्ता में आने के बाद से मालदीव भारतीय पर्यटकों के लिए तरस रहा है। तमाम जतन के बाद भी मालदीव की सरकार भारतीय पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने में नाकाम रही है, जिसका असर देश की पहले से खराब चल रही अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है। पिछले दो सालों में मालदीव के पर्यटन बाजार में भारत सबसे बड़ा भागीदार रहा है, लेकिन इस साल देश में भारतीय पर्यटकों की संख्या में भारी कमी देखी गई है।

मालदीव में इस साल भारतीय पर्यटकों की संख्या में 50,000 से ज्यादा की गिरावट हई है। मालदीव के पर्यटन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल 24 सितम्बर तक भारत से 146,057 पर्यटक देश में पहुंचे थे। वहीं, इस साल 24 सितम्बर भारत से आने वाले पर्यटकों की संख्या सिर्फ 88,202 है। इस तरह भारतीय पर्यटकों की संख्या में 57,855 की गिरावट आई है।

मालदीव में भारतीय पर्यटकों की संख्या में गिरावट इस साल की शुरुआत में तब हुई, जब मोहम्मद मुइज्जू सरकार के तीन मंत्रियों ने सोशल मीडिया पर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी। इसके बाद भारत में मालदीव के टूरिज्म का बायकॉट को लेकर बड़ा अभियान चला, जिसे मशहूर हस्तियों ने भी समर्थन दिया था।

मुइज्जू सरकार की कोशिश नाकाम

हालांकि, भारी विरोध होता देख मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने तीनों मंत्रियों को निलंबित कर दिया था, लेकिन तब तक नुकसान हो चुका था। इसके बाद से भारतीय पर्यटकों ने मालदीव के लिए पहले जैसा रुख नहीं किया है। मालदीव की सरकार ने एक बार फिर से भारत के साथ संबंधों को सुधारने की शुरुआत की है।

पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए मालदीव ने वेलकम इंडिया अभियान शुरू किया, लेकिन यह भी भारतीय पर्यटकों को दिल जीतने में सफल नहीं हो पाया है। हालांकि, इस बीच चीन और पश्चिमी यूरोपीय देशों से मालदीव आने वाले पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हुई है।

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