दालों की कीमतों में फिर आई उछाल, किचन पर महंगाई की मार!
रायपुर। त्योहारी सीजन के पहले चना, चना दाल और मटर की कीमतों में जमकर उछाल आया है। पिछले दो महीनों में इसकी कीमतें 10 से 50 फीसदी तक बढ़ी है। जून में 70-80 रुपए में बिकने वाला चना दाल इस समय 100-110 रुपए प्रति किलो चिल्लर में बिक रहा है। वहीं 80 रुपए में मिलने वाला हरा मटर 170 से 180 रुपए प्रतिकिलो पहुंच गया है।
अनाज कारोबारियों का कहना है कि देशभर में लगातार हो रही बारिश के चलते दलहनी फसलों की बुआई प्रभावित हुई है। वहीं आवक कमजोर होने के कारण कीमतों में इजाफा हुआ है। आने वालों दिनों में इसकी दरों में और इजाफा हो सकता है। साथ ही, नई फसल के नवंबर में आने के बाद कीमतें कम होने की संभावना जताई है।
कीमतें बढ़ने से इसका सीधा असर आम लोगों पर पड़ा है। दलहन कीमतों के चलते काबुली चना के दाम भी खुदरा बाजार में 10 फीसदी और बेसन 120-125 रुपए पहुंच गया है। कारोबारियों का कहना है कि त्योहारी सीजन में दालों की मांग बढ़ जाती है। लड्डू, सेव और समेत मिठाइयों और नमकीन जैसी खाद्य वस्तुओं को बनाने के लिए थोक के भाव खरीदी के चलते कीमतों में इजाफा होता है।
राहर दाल की कीमतें कुछ कम हुईं हैं। महीने भर पहले खुदरा में 170 से 185 रुपए से घटकर 120 से 170 रुपए में पहुंच गया है। लेकिन, मूंग दाल, मसूर दाल और उड़द दाल की कीमतें भी बढी हैं। वहीं आलू-प्याज और लहसून की कीमतें इस समय स्थिर है। आलू-प्याज 40-50 रुपए प्रतिकिलो और लहसून 400 रुपए में बिक रहा है। हालांकि पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र से आलू-प्याज की आवक सामान्य हो गई है। पिछले महीनेभर से चल रहे आंदोलन के समाप्त होने के बाद भी कीमतें कम नहीं हुई है।
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