भारती विवि में 7 दिवसीय फॉरेंसिक साइंस कार्यशाला

दुर्ग। भारती विवि दुर्ग के फॉरेंसिक साइंस विभाग के तत्वावधान में सात दिवसीय फॉरेंसिक साइंस कार्यशाला का अयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य विद्यार्थियों और पेशेवरों को फॉरेंसिक विज्ञान के विभिन्न पहलुओं के बारे में गहन जानकारी प्रदान करना था।

कार्यशाला के समापन समारोह के अवसर पर डॉ. आर. एन. सिंह, डायरेक्ट अकादमिक मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाएं छात्रों को व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करती हैं और उन्हें अपने करियर में नई ऊंचाइयों तक पहुंचने में सहायता करती हैं। मुख्य अतिथि ने प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी प्रदान किया। इस सात दिवसीय कार्यशाला में विभिन्न तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया।

प्रतिभागियों के लिए आउटडोर मॉक क्राइम सीन इंवेस्टिगेशन का आयोजन किया गया। इसमें छात्रों को वास्तविक अपराध स्थल जैसा माहौल तैयार करके साक्ष्य जुटाने और उनकी जांच के तरीकों के बारे में जानकारी दी गई। इंडोर मॉक क्राइम सीन इंवेस्टिगेशन सत्र में छात्रों ने घर के अंदर घटित अपराधों की जांच के लिए विभिन्न तकनीकों और प्रक्रियाओं का अभ्यास किया।

फिंगरप्रिंट विश्लेषण पर सत्र आयोजित किया गया, जिसमें विशेषज्ञों ने छात्रों को फिंगरप्रिंट की पहचान, संग्रह और विश्लेषण की प्रक्रियाओं के बारे में सिखाया गया। प्रतिभागियों के लिए एबीओ ब्लड ग्रुपिंग पर व्याख्यान दिया गया।

इस सत्र में छात्रों ने रक्त के नमूनों की पहचान और ग्रुपिंग की तकनीकों के बारे में जानकारी प्राप्त की। सीक्रेट राइटिंग एग्जामिनेशन पर भी सत्र आयोजित किया गया, जिसमें छात्रों को गुप्त लेखन और उसकी जांच की विधियों के बारे में बताया गया।

इस कार्यशाला में प्रतिभागी छात्रों को फॉरेंसिक विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में गहन और व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने का अवसर मिला। प्रतिभागियों ने इस पहल के लिए विवि प्रशासन का धन्यवाद किया और इस प्रकार की और भी कार्यशालाओं की उम्मीद जताई।

कार्यशाला के आयोजन में फॉरेंसिक साइंस विभाग की विभागाध्यक्ष निशा पटेल और सहायक प्राध्यापक जयंत बारिक का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा।

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