प्रशासन से नाराज ग्रामीण धरने पर बैठे
बेमेतरा। विधानसभा क्षेत्र के ग्राम बोरसी में बारूद फैक्ट्री में भीषण ब्लास्ट के बाद मृतकों की जानकारी को लेकर फैक्ट्री के गेट के शनिवार शाम से परिजन प्रदर्शन में डटे हुए हैं। ग्रामीण रात भर घटना स्थल पर मौजूद रहे। इसके बाद रविवार को ग्रामीणों का उग्र प्रदर्शन देखने को मिला। यहां विधायक दीपेश साहू को भी विरोध का सामना करना पड़ा। प्रशासन अभी तक मौत की पुष्टि नहीं कर रहा है। इससे ग्रामीणों की नाराजगी बढ़ती जा रही है। कलेक्टर रणबीर शर्मा व एसपी रामकृष्ण साहू घटनास्थल पर डटे हुए हैं। लोगों की नाराजगी बढ़ती देख पर्याप्त पुलिस बल की व्यवस्था की गई है।
मृतक के परिजन, छत्तीसगढ़ क्रांति सेना मुआवजा, सरकारी नौकरी को मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके अलावा बारूद फैक्ट्री को बंद करने की मांग की जा रही है। ग्रामीण कंपनी के मालिक से 50 लाख रुपए प्रत्येक मृतक व सरकार से 5 लाख एवं सरकारी नौकरी की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों के अनुसार उनकी मांगे पूरी नहीं होने पर यह आंदोलन जारी रहेगा।
प्रदर्शन में बड़े पैमाने पर गांव की महलाएं शामिल हो रही हैं। जिसमें मृतक के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। विधायक के शनिवार को नहीं पहुंचने पर प्रदर्शन कार्यों में नाराजगी थी। वे विधायक से सवाल जवाब करने लगे। जिस पर विधायक ने छत्तीसगढ़ से बाहर होने का हवाला दिया।
ग्राम पिरदा स्थित स्पेशल ब्लास्ट लिमिटेड कंपनी में ब्लास्ट के बाद मलबे में सात मजदूरों के पुष्टि की गई है। वहीं नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एनडीआरएफ) की टीम ने मोर्चा संभाल लिया है। सेना की टीम ने भी मौके पर जाकर कैंप कर रहे जिला प्रशासन की टीम के लिए सहायता का हाथ बढ़ाया है। जमींदोज हो चुकी कारखाने की दो मंजिला यूनिट का मलबा हटाने का काम जारी है। मलबे में किसी के जीवित होने की संभावना न के बराबर है। जिनके परिजन सारी रात घटनास्थल पर बैठे रहे। फारेंसिंक टीम ने नमूने इक किए। जिला पुलिस अधीक्षक ने विस्फोट के बाद से सात लोगों के लापता होने की पुष्टि की है। कारखाने के परिसर में ही अस्थाई पुलिस कैंप भी तैयार किया गया है।
मौके पर 7 जेसीबी व एक चैन माउंटेन से मलबे को हटाया जा रहा है। मलबा हटाने के साथ ही बड़ी भयावह तस्वीर सामने आ रही है। जिसमें मृतकों के शरीर के बजाय उनके अवशेष व हड्डियां मिल रही हैं। मानव अंगों को पॉलिथीन में इक_ा किया जा रहा है। जिसमें मृतकों के मिले मानव अंग व हड्डियों के सामूहिक अंतिम संस्कार की बात कही जा रही है। कंपनी के परिसर व धमाका स्थल से मलबा हटाने का काम जारी है। जिसमें रायपुर व ओडिशा आई एसडीआरएफ की टीम जुटी हुई है।
ज्ञात हो कि दूसरे दिन घटनास्थल पर गांव के लोग धरने पर बैठ गए। घटनास्थल पर पहुंचे बेमेतरा विधायक दीपेश साहू को ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा। ग्रामीणों ने विधायक पर नेतागिरी करने का आरोप लगाते हुए घटनास्थल पर जाने का विरोध किया। विधायक दीपेश साहू ने ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की, लेकिन ग्रामीण नहीं माने। ग्रामीणों के विरोध के बाद विधायक वापस धरना स्थल पर लौट आए।
बारूद फैक्ट्री में हुए ब्लास्ट में हुए जनहानि के संबंध में प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा जांच समिति का गठन किया गया है। जांच समिति के सदस्य पूर्व विधायक अनिता शर्मा पूर्व विधायक आशीष छाबड़ा, पूर्व अध्यक्ष अल्पसंयक आयोग महेंद्र छाबड़ा, प्रदेश महामंत्री दीपक मिश्र, प्रदेश महामंत्री सुबोध हरितवाल, संयुक्त महामंत्री विनोद तिवारी, जिला अध्यक्ष उधोराम वर्मा, जिला अध्यक्ष बंसी पटेल के साथ घटनास्थल जाकर स्थिति का निरीक्षण किया। स्थानीय लोगों व मृतक के परिजनों से बात की। इसके बाद कांग्रेस के प्रतिनिधि मंडल ने कलेक्टर डीएफसी से चर्चा कर प्रशासन की कार्रवाई की जानकारी जुटाई। घटना की रिपोर्ट प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज को सौंपी जाएगी।
कलेक्टर ने शनिवार को ग्रामीणों से काम पर आए मजदूर के लापता मजदूरों की सूची मांगी। ग्रामीणों ने बताया कि एक मजदूर सेवक राम साहू ग्राम पिरदा की मौत हो गई है। वहीं पुष्पराज देवदास, विजय देवदास, राजू ध्रुव ग्राम पिरदा, लोकनाथ यादव ग्राम गब्दा, शंकर यादव ग्राम उफरा, भीष्म साहू, नरहर यादव ग्राम बोरसी की सूची कलेक्टर को सौंपी गई है। इसके अलावा मंडला जिले के एक व्यक्ति का लापता होना बताया जा रहा है।
मांगे पूरी नहीं होने पर ग्रामीण लंबे आंदोलन की तैयारी कर कर लिए हैं। जिसमें मुय रूप से फैक्ट्री के बाहर ग्रामीणों के लिए भोजन की व्यवस्था की जा रही है। इसमें ग्राम बोरसी, पिरदा समेत आसपास के गांव के ग्रामीण मदद कर रहे हैं। ग्रामीणों के अनुसार जब तक मृतक के परिजनों को न्याय नहीं मिलेगा, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।
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