नई तकनीक से जोन की 20 ट्रेनों में मुस्कान के साथ आरामदायक यात्रा

 

बिलासपुर 15 मार्च 2024। यात्रियों को सुविधाजनक, आरामदायक और सुरक्षित बेहतर यात्रा कराने के लिए दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे से चलने वाली सभी ट्रेनों में धीरे-धीरे पुराने आईसीएफ़ (इंटीग्रल कोच फैक्ट्री) कोच को हटाकर नई तकनीक वाले एलएचबी (लिंक हाफमैन बुश) कोच लगाए जा रहे हैं। वर्तमान में जोन से चलने वालीं 20 ट्रेनों को नई तकनीक वाले एलएचबी कोच के साथ चलाई जा रही है। एलएचबी कोच का नाम इसका सर्वप्रथम निर्माण करने वाली जर्मनी की कंपनी लिंक हाफमैन बुश के नाम पर पड़ा है। एलएचबी कोच भारतीय रेलवे में सर्वप्रथम वर्ष 1999 में शामिल किए गए।

वर्तमान में इसका निर्माण कपूरथला रेलवे कोच फैक्ट्री में किया जा रहा है। एलएचबी कोच यात्रियों के लिए काफी आरामदायक होता है। रेल परिचालन की दृष्टि एलएचबी कोच काफी सुरक्षित है। आज के समय की मांग पर अगर स्पीड की बात की जाए तो ये कोच सामान्य कोचों की अधिकतम गति 110-130 किमी की तुलना में 160 से भी अधिक की गति के लिए डिजाइन की गई है। अधिकतम गति के लिए उपर्युक्त है। इन कोचों में सामान्य कोचों की तुलना में ज्यादा जगह होती है। एक सामान्य आइसीएफ़ स्लीपर कोच में 72 बर्थ होती है, जबकि एलएचबी स्लीपर कोच में 80 बर्थ होती है।

इसी प्रकार एसी-3 आईसीएफ़ कोच में 64 बर्थ होती है, जबकि एलएचबी स्लीपर कोच में 72 बर्थ होती है। आईसीएफ़ एसी-2 कोच में 46 बर्थ होती है। एलएचबी में 62 बर्थ होती है। जिससे इसके स्लीपर एवं एसी कोचों में अधिक बर्थ की सुविधा उपलब्ध कराकर रेल यात्रियों को अधिक से अधिक कंफर्म बर्थ की सुविधा प्रदान करने में भी सहायता मिलती है। एलएचबी कोच में हाइड्रोलिक सस्पेंशन का प्रयोग किया जाता है। वही दाएं - बाएं मूवमेंट के लिए भी सस्पेंशन का प्रयोग किया गया है, जिससे सफर आरामदायक हो जाता है।

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