अभी कम नहीं होंगे सोने के भाव, इन पॉइंट में समझिए क्यों ?

 


सोने के दाम (Gold price) कम होने का नाम नहीं ले रहे. दिल्ली के बाजारों की बात करें तो इसकी कीमतें 52 हजार से ऊपर बनी हुई हैं. यही हाल चांदी का भी है. सोने की तरह चांदी ने भी अपनी चमक बरकरार रखी है. त्योहारी सीजन चल रहा है और इसके बाद शादी-ब्याह का सीजन भी शुरू हो जाएगा. शादियों में गहनों के लिए सोने की मांग भरपूर होती है. ऐसे में सोने के भाव में गिरावट की संभवना कम ही दिख रही है. भाव में लगातार तेजी की बात करें तो इसकी स्थानीय वजह कम और अंतरराष्ट्रीय कारण अधिक है. सोने के भाव में आगे क्या होगा और किन फैक्टर पर दाम निर्भर करेंगे, आइए इस बारे में जानते हैं।


क्रिप्टो बिकवाली का असर

औंधे मुंह गिरा बिटकॉइन उठने का नाम नहीं ले रहा. क्रिप्टोकरंसी की चमक अब फीकी पड़ती दिख रही है क्योंकि लोगों को इसके नफा-नुकसान के बारे में पता चल गया है. यही वजह है कि लोग क्रिप्टोकरंसी को बेचकर जल्द निकल जाना चाहते हैं. इससे क्रिप्टो की बिकवाली बढ़ी है और सोने में निवेश की मांग में वृद्धि है. इससे सोने के दाम को तेजी मिल रही है।


अफवाहों ने बिगाड़े हालात

क्रिप्टो बाजार में अफवाहों ने सोने को महंगा कर दिया है. अकसर क्रिप्टो मार्केट में अफवाह उड़ती है कि फलां क्रिप्टो एक्सचेंज क्रिप्टोकरंसी का विड्रॉल रोक रहा है. ऐसी अफवाह के उड़ते ही निवेशक अपना क्रिप्टो बेचकर निकलने की अंधी दौड़ में शामिल हो जाते हैं. सोना चूंकि सुरक्षित निवेश माना जाता है, इसलिए क्रिप्टो से निकाला गया पैसा सोने में लगाया जाता है. इससे सोने को तेजी मिलती है।


अमेरिकी चुनाव का प्रभाव

पूरी दुनिया में सोने के भाव पर बड़ा असर अमेरिकी चुनाव का देखा जाता है. अमेरिका में मध्यावधि चुनाव हो रहे हैं. पिछले 6 महीने से इस चुनाव का असर सोने के भाव पर देखा जा रहा है. पिछले छह महीने में सोने के दाम में 62 परसेंट तक की वृद्धि आई है. 1970 के दशक से अब तक के अमेरिकी चुनाव का आंकड़ा देखें तो सोने के भाव चढ़े हैं और निवेशकों को बंपर रिटर्न मिला है. यही दौर अब भी जारी है।


चीन में कोविड प्रकोप

दुनिया भर के कारोबारियों और निवेशकों को चीन की कोविड महामारी ने चिंता में डाल दिया है. चीन ने जीरो कोविड पॉलिसी लागू की है. चीन में कोविड खत्म करने के लिए चाहे जितनी कड़ाई से लॉकडाउन लागू करना पड़े, चीनी सरकार उससे पीछे नहीं हट रही. चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. अगर वही पर लॉकडाउन के हालात बन जाएं तो पूरी दुनिया की आर्थिक स्थिति डगमगा सकती है. ऐसे में लोग आर्थिक अनिश्चितता के बीच सोने में निवेश को प्राथमिकता दे रहे हैं।


महंगाई से तय होंगे दाम

अमेरिका का महंगाई आंकड़ा आने वाला है. गुरुवार को अमेरिका में महंगाई का रिपोर्ट कार्ड जारी होगा. अक्टूबर महीने का कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स भी आएगा. महंगाई दर के आधार पर ही अमेरिकी फेड रेट बढ़ोतरी पर विचार करेगा. अगर रेट बढ़ते हैं तो सोने के भाव में गिरावट की उम्मीद कम है. डॉलर में अभी कमजोरी देखी जा रही है और आगे भी कुछ गिरावट रहेगी. ऐसी स्थिति में सोने के भाव और बढ़ सकते हैं।


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