शशि थरूर को हराकर मलिकार्जुन खड़गे बने कांग्रेस के नए अध्यक्ष

 


23 साल बाद गांधी परिवार से बाहर का अध्यक्ष मिल गया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस अध्यक्ष चुने गए हैं। हाल ही में हुए चुनाव में खड़गे को 7897 वोट मिले जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी शशि थरूर को 1072 वोट मिले।

खड़गे के राजनीतिक हुनर के प्रमाण

जहां तक राजनीतिक कौशल की बात है खड़गे को कम आंकना उनके विरोधियों के लिए रणनीतिक भूल होगी. वे 1999 और 2004 में कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद के लिए प्रबल दावेदार रह चुके हैं. यह उनके राजनीतिक कौशल का सबसे बड़ा प्रमाण है. हालांकि वे सफल नहीं हुए पर उसके पीछे जातिगत राजनीति के साथ कई ऐसे कारण रहे जो भारतीय राजनीति में हमेशा राजनीतिक कौशल पर भारी पड़ जाता रहा है. यह उनके हुनर का ही कमाल था कि 1999 से 2004 के बीच कर्नाटक में एसएम कृष्णा की सरकार में गृह मंत्री के तौर पर उन्होंने बेहद शांतिपूर्ण तरीके से प्रख्यात फ़िल्म अभिनेता राजकुमार को चन्दन तस्कर वीरप्पन के चंगुल से छुड़ाया था. उन्होंने कावेरी दंगों को सुलझाने में भी अहम भूमिका निभाई थी. हालांकि कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति को बहुत नजदीक से देखने वाले पत्रकार रशीद क़िदवई ने उनके राजनीतिक टैलेंट पर प्रश्नचिह्न लगाते हुए एक बार बीबीसी को बताया था कि पंजाब विधानसभा चुनावों में उन्होंने चन्नी पर भरोसा करके पार्टी का नुकसान कराया था. चन्नी को पंजाब का मुख्यमंत्री बनाने में खड़गे की काफ़ी भूमिका थी. पंजाब में कांग्रेस को बहुत नुक़सान हुआ. किदवई ने यह भी कहा था कि राजस्थान में वो पर्यवेक्षक बनकर गए थे लेकिन वो ना तो प्रदेश अध्यक्ष को और ना ही मुख्यमंत्री (अशोक गहलोत) को घेर पाए कि कांग्रेस विधायक दल की मीटिंग हो पाए.



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