मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक में छत्तीसगढ़ मॉडल की गूंज, 19 में से 8 एजेंडे राज्य के, कार्गो हब को मंजूरी

 


रायपुर. मुख्यमंत्री आज केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में आयोजित मध्य क्षेत्रीय परिषद की 23वीं बैठक में शामिल हुए. बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं. जिसमें रायपुर एयरपोर्ट को कार्गो हब बनाने की सहमति दे दी गई है. वहीं अब केंद्र सरकार कोदो, कुटकी का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करेगी. उक्त निर्णय छत्तीसगढ़ सरकार के आग्रह पर लिया गया है. इसके अलावा गोधन न्याय योजना अंतर्गत निर्मित वर्मी कम्पोस्ट को रासायनिक खाद की तर्ज पर Nutrition Based Subsidy का लाभ भी प्रदान किया जाएगा.

बैठक को संबोधित करते हुए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप राज्य सरकारों को दिए जाएं विकास के समुचित अधिकार दिये जाने चाहिए. बैठक में राज्यों के मुख्यमंत्री और वरिष्ठ अधिकारीगण शामिल हुए. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि हमारे संविधान ने भारत को राज्यों का संघ कहा है. अतः इसमें राज्य की अपनी भूमिका और अधिकार निहित हैं. हमने आजादी की गौरवशाली 75वीं सालगिरह मना ली है. इस परिपक्वता के साथ अब सर्वोच्च नीति नियामक स्तरों पर भी यह सोच बननी चाहिए कि राज्यों पर पूर्ण विश्वास किया जाए और राज्यों की स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप विकास के समुचित अधिकार राज्य सरकारों को दिए जाएं. बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू और मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी भी उपस्थित थे.

उन्होंने बैठक में आगे कहा कि 44 प्रतिशत वन क्षेत्र, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग की आबादी की बहुलता, सघन वन क्षेत्रों में नक्सलवादी गतिविधियों का प्रभाव, कृषि-वन उत्पादों तथा परंपरागत साधनों पर आजीविका की निर्भरता जैसे कारणों से छत्तीसगढ़ के विकास हेतु विशेष नीतियों और रणनीतियों की जरूरत है। हम राज्य के सीमित संसाधनों से हरसंभव उपाय कर रहे हैं, लेकिन हमें भारत सरकार के विशेष सहयोग की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि प्रसन्नता का विषय है कि आज की बैठक के एजेण्डे में ऐसे कई बिन्दु शामिल हैं, जिन पर सकारात्मक चर्चा होने से छत्तीसगढ़ को मदद मिलेगी.

मुख्यमंत्री बघेल ने बैठक को संबोधित करते हुए आगे कहा कि सुराजी गांव योजना के अंतर्गत हमने ‘नरवा, गरुवा, घुरुवा, बारी’ के संरक्षण और विकास के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की पहल की है. राज्य में उत्पादित वर्मी कम्पोस्ट पर, रासायनिक उर्वरकों के समान ‘न्यूट्रिएंट बेस्ड सब्सिडी’ देने का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया है, जिसकी स्वीकृति का अनुरोध है.

प्रदेश में लघु धान्य फसलों की समर्थन मूल्य पर खरीदी की जा रही है. राज्य स्तर पर कोदो, कुटकी का समर्थन मूल्य 3 हजार रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है. अतः भारत सरकार द्वारा भी कोदो और कुटकी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया जाए.

हमने प्रदेश में लाख उत्पादन को कृषि का दर्जा दिया है. भारत सरकार से अनुरोध है कि लाख उत्पादन के लिए ‘किसान क्रेडिट कार्ड’ और ‘फसल बीमा योजना’ का लाभ दिया जाए. हमने अतिशेष धान से बायो-एथेनॉल उत्पादन के लिए 25 निवेशकों के साथ MoU किया है. इस संबंध में भारत सरकार की नीति में संशोधन की जरूरत है, जिसमें बायो-एथेनॉल उत्पादन के लिए प्रत्येक वर्ष कृषि मंत्रालय से अनुमति लेने का प्रावधान है, अतः प्रतिवर्ष के बंधन को खत्म किया जाए. आधिक्य अनाज घोषित करने का अधिकार NVCC की जगह राज्य को मिलना चाहिए.

खाद्यान्न के भण्डारण में होने वाली क्षतिपूर्ति के मापदंड भारत सरकार द्वारा 1 नवम्बर 2021 से लागू किए गए हैं. छत्तीसगढ़ में वर्ष 2011-12 से अंतिम दर निर्धारण लंबित होने के कारण हमारा अनुरोध है कि खरीफ वर्ष 2011-12 से ही इन मापदंड के अनुसार छत्तीसगढ़ में भण्डारण हानि की गणना करना उचित होगा. वन संरक्षण अधिनियम 1980 के तहत राज्य शासन को मात्र 5 हेक्टेयर वन भूमि के व्यपवर्तन की अनुमति है, जिसे 40 हेक्टेयर तक बढ़ाए जाने का निर्णय भारत सरकार के पास लंबित है, जिस पर शीघ्र कार्रवाई अपेक्षित है.


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